कुकिंग निर्देश
- 1
साबूदाना पापड़ के लिये छोटा साइज का साबूदाना लिया जाता है.साबूदाने को धो कर, साबूदाने की मात्रा से दुगना पानी यानी कि 2 कप पानी डालकर, 2 घंटे के लिये भिगो रख दीजिये
- 2
किसी बड़े और भारे तले के बर्तन में तीन कप पानी डालकर उबलने रख दीजिये. पानी में उबाल आने के बाद, भीगा हुआ साबूदाना और नमक डालिये, साबूदाना को थोड़ी थोड़ी देर में चमचे से चलाते हुये पकाइये, ताकि वह तले में न लगे.
- 3
साबूदाना का घोल गाड़ा पारदर्शक हो जाने तक घोल को पका लीजिये, घोल को पकने में आधा घंटा लग जाता हैं, आग बन्द कर दीजिये. साबूदाने का गाड़ा पारदर्शल घोल साबूदाना पापड़ बनाने के लिये तैयार है
- 4
साबूदाने के गरम घोल को पोलिथिन शीट या स्टील की थाली के पास ले जाइये और चमचे से एक बड़ा चमच्च भर कर साबूदाना घोल निकालिये, पोलिथिन शीट पर डालिये और उसी चमचे से गोल, 2 1/2 इंच या 3 इंच के व्यास में चपाती के जैसा मोटा फैला दीजिये. दूसरा चमचा घोल भर कर निकालिये और पहले पापड़ से एक इंच की दूरी रखते हुये दूसरा पापड़ उसी तरीके से फैलाइये, इसी तरह एक पापड़ से दूसरे पापड़ में दूरी रखते हुये, सारे घोल से पापड़ बना लीजिये.
- 5
पापड़ बनाने के 4-5 घंटे के बाद एक एक पापड़ को उठाकर पलट दीजिये, ज्यादा सूखने पर पापड़ पोलिथिन शीट से चिपक जाने के कारण पलटने पर टूट सकते हैं.
साबूदाने के पापड़ 2 दिन की धूप में सूख जाते हैं, तीसरे दिन पापड़ कुछ गीले लग रहे हों तो और सुखा लीजिये. - 6
साबूदाने के पापड़ सूख कर तैयार हैं, साबूदाने के पापड़ को तल कर अभी खाइये और बचे हुये पापड़ कन्टेनर में भरकर रख लीजिये, 6 माह से भी अधिक जब भी आपका मन करे कन्टेनर से साबूदाना पापड़ निकालिये, तलिये और खाइये.
- 7
कूटू के आटे को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये, आटे में 2 छोटी चम्मच तेल डाल लीजिए. आलू छीलिये और बारीक मैश कीजिये. इस आलू को आटे में मिलाइये. साथ ही हरा धनिया, सैंधा नमक और काली मिर्च पाउडर डाल दीजिए. सभी चीजों को अच्छे से मिला लीजिए. इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाते हुये पूरी के आटे से थोड़ा कम सख्त आटा गूथिये. इतना आटा गूंथने में 1/4 कप पानी लग जाता है. गुंथे हुये 10 मिनिट के लिये सैट होने के लिये ढककर रख दीजिये
- 8
10 मिनिट बाद, हाथ को थोड़े से तेल से चिकना कर लीजिए और आटे को मसलकर चिकना कर लीजिए. गुथे हुये आटे से छोटी छोटी लोइया बना कर रख लीजिये. लोइयां बनाते समय हाथ पर थोड़ा सा तेल या सूखा आटा और लगा लीजिए क्योंकि यह आटा हाथ पर चिपकता है.
- 9
कढ़ाही में तेल डालकर गरम कीजिये. एक लोई उठाइये, कूटू के सूखे आटे में लपेटिये और चकले पर रखकर बेलन से हल्का दबाव देकर थोड़ी सी मोटी पूरी बेल लीजिये. पूरी को गरम तेल में डालिये. पूरी को कलछी से हल्का सा दबाकर फुलाइए और दोनों तरफ ब्राउन होने तक तलिये. प्लेट में नैपकिन पेपर बिछा कर, पूरी निकाल कर उसके ऊपर रखिये. सारी पूरियां इसी तरह तलकर तैयार कर लीजिये.
- 10
रबड़ी के लिये कढ़ाई ऊपर से अधिक चौड़ी होती है लेकिन आप अपनी सामान्य कढ़ाही में भी इसे बना सकते हैं, मैंने भी इसे सामान्य कढ़ाही में ही बनाया है. कढ़ाही भारे तले की होनी चाहिये. दूध को कढ़ाही में डालकर गरम करने रखिये, दूध में उबाल आने पर गैस धीमी कर दीजिये.
- 11
दूध पर मलाई की हल्की परत जैसे ही आये कलछी से उठाकर, कढ़ाही के किनारे लगा दीजिये. थोड़ी देर बाद फिर से दूध के ऊपरी सतह पर मलाई आये, इसे भी उठाइये और किनारे कर दीजिये. दूध को धीमी गैस पर उबलने दीजिये और इसमें मलाई की परत को कढ़ाही के किनारे लगाते रहिये. किसी पंखे या अखबार से इसे झलने से मलाई की परत जल्दी पड़ती रहतीं है.
- 12
इसी तरह मलाई की परत जमाते जाईये. कढ़ाही के किनारे जमी मलाई की परत सूख कर खुश्क होती रहेगी, बार बार यही करना है, जब मलाई कढ़ाही के चारों ओर इकठ्ठी हो जाय और कढाई में दूध गाड़ा होकर एक तिहाई ही बचे तो बचे दूध में चीनी और कतरे हुये पिस्ते बादाम और इलाइची मिलाइये और गैस बन्द कर दीजिये और बचे दूध में चीनी डाल दीजिये. कलछी से कढ़ाही के किनारों से मलाई खुरचकर निकालिये और उस गाड़े दूध में ही मिला दीजिये. खुरची हुई मलाई की परत को दूध में मिलाते समय अधिक मत चलाईये ताकि रबड़ी में खुरचन की गांठे पड़ी रहें.
- 13
रबड़ी का असली स्वाद तभी रहता है कि दूध की खुरचन के गुठले अन्दर से फीके ही रहें. लीजिये रबड़ी हो गई तैयार, रबड़ी को प्याले में निकालिये और फ्रिज में रख कर ठंडा कीजिये, खाना खाने के बाद ठंडी ठंडी रबड़ी फ्रिज से निकालिये, परोसिये और खाइये.
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