शादी के बाद पहले दिन जब मुझे खाना बनना था तो मुझे ये अंदाजा भी नही था कि दाल चावल मे पानी कितना डालू phir भी मैने किसी से भी नही पूछा और खाना बनाकर टिफिन ऑफ़िस भेजा।शाम को ये लौटे तो इन्होने बताया कि खाना बहुत अच्छा था और तुम्हारा पहला खाना खाने के लिए ऑफ़िस के सहकर्मी परेशान थे और सभी ने तारीफ की।😄मेरा डर खतम हुवा और अच्छी बात तो ये थी की मै जोभी बनाती ये कभी नुक्स नही निकालते थे हमेशा तारीफ ही करते थे।मुझे खाना कैसे खाया जाता है ये मेरे पति देव ने सिखाया और खाने का सौख हो जाए तो बनाना भी आ ही जाता है।😊